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connection between hyperglycemia and diabetes in hindi

Published 5 hours ago2 minute read

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खानपान में हुए बदलावों की वजह से लोगों को हाइपरग्लाइसीमिया का जोखिम रहता है। इस लेख जानते हें कि हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज के बीच क्या संबंध होता है?

हाइपरग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें खून में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। आमतौर पर भोजन के पहले फास्टिंग ब्लड शुगर का सामान्य स्तर 70–100 mg/dL और भोजन के दो घंटे बाद 140 mg/dL तक पहुंच जाता है। यदि यह स्तर इससे अधिक होता है, तो इसे हाइपरग्लाइसीमिया माना जाता है। वहीं, डायबिटीज एक मेटाबॉलिक बीमारी है, जिसमें शरीर या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता या उसे सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब इंसुलिन की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, तो रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है यानी हाइपरग्लाइसीमिया की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

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हाइपरग्लाइसीमिया डायबिटीज के सबसे सामान्य और प्रारंभिक लक्षणों में से एक है। जब शरीर इंसुलिन का निर्माण या उपयोग ठीक से नहीं कर पाता, तो ब्लड में शुगर इकट्ठा होने लगती है।

टाइप 1 डायबिटीज में शरीर बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बनाता। इससे हाइपरग्लाइसीमिया जल्दी और तीव्र रूप में हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का उपयोग ठीक से नहीं कर पाता (इंसुलिन रेजिस्टेंस)। धीरे-धीरे ब्लड शुगर बढ़ता है और हाइपरग्लाइसीमिया होता है।

यदि, डायबिटीज का उपचार समय पर न हो या मरीज नियमित दवाइयों को न लें, तो हाइपरग्लाइसीमिया की स्थिति गंभीर हो सकती है और यह अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है।

हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज का गहरा और सीधा संबंध है। हाइपरग्लाइसीमिया डायबिटीज का संकेत भी हो सकता है और यदि नजरअंदाज किया जाए तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसलिए समय पर जांच, संतुलित जीवनशैली और सही उपचार ही इस स्थिति को नियंत्रित करने का सबसे बेहतर तरीका है।

  • डायबिटीज में, आपको अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दालें, मेवे और बीज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। 


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